Featured Post

भगवान श्री कृष्ण के जाने के बाद राधा का क्या हुआ ? General Knowledge (Gk) in Hindi

भगवान श्री कृष्ण के जाने के बाद राधा का क्या हुआ ? General Knowledge (Gk) in Hindi 

मथुरा जाने से पहले श्री कृष्ण राधा से मिले थे।  राधा श्री कृष्ण के मन की हर एक गतिविधि को जानती थी । राधा से अलविदा कहकर श्री कृष्ण मथुरा चले गए यह कह कर कि वह वापस आएंगे लेकिन नहीं आए । श्री कृष्ण का विवाह रुक्मणी से हो गया। रुक्मणी ने भी श्री कृष्ण को पाने के लिए बहुत जतन किए थे । श्री कृष्ण से विवाह करने के लिए रुक्मिणी ने अपने भाई रूक्मी के खिलाफ तक चली गई थी । रुक्मणी ने श्री कृष्ण को पत्र भी लिखा था कि वह आकर उन्हें अपने साथ ले जाएं। उसके बाद श्रीकृष्ण ने रुकमणी के पास जाकर उनसे विवाह किया था ।
राधा और कृष्ण जब आखरी बार मिले थे तब राधा ने श्री कृष्ण से कहा था कि भले ही वह दूर जा रहे हैं लेकिन मन से श्री कृष्ण सदैव राधा के साथ ही रहेंगे । इसके बाद श्री कृष्ण मथुरा जाकर कंस और बाकी राक्षसों का वध किया और प्रजा की रक्षा के लिए द्वारका में द्वारकाधीश के नाम से लोकप्रिय हो गए ।

 जब भगवान श्री कृष्ण वृंदावन से चले गए तो राधा । General Knowledge (Gk) in Hindi 

जब श्री कृष्ण वृंदावन से चले गए तो राधा की जीवन ने एक अलग ही मोड़ ले लिया ।  राधा का विवाह एक यादव के साथ हो गया । राधा ने अपने दांपत्य जीवन की सारी रस्में निभाई और बुढी हो गई।  लेकिन  अभी भी उनका मन श्री कृष्ण के लिए समर्पित था ।  राधा ने पत्नी के तौर पर अपने सारे कर्तव्य निभाएं और उधर श्री कृष्ण ने अपनी सारी दैवीय कर्तव्य निभाएं ।

सारे कर्तव्य से मुक्त होने के बाद राधा श्री कृष्ण से मिलने गई वहां उन्होंने श्रीकृष्ण की रुक्मणी और सत्यभामा से विवाह के बारे में जाना लेकिन वह दुखी नहीं हूई। जब श्री कृष्ण ने राधा को देखा तो बहुत प्रसन्न हुए दोनों ने संकेत की भाषा में एक-दूसरे से काफी देर तक बात की । राधा को द्वारिका में कोई भी नहीं पहचानता था । राधा के अनुरोध पर श्री कृष्ण ने राधा को महल में देविका के रूप में नियुक्त किया ।

राधा दिनभर महल में  रहती थी और महल से जुड़े कार्य करती थी मौका मिलते ही श्रीकृष्ण के दर्शन कर लेती थी ।  लेकिन महल में रहने के बाद उन्होंने अपने और श्री कृष्ण के बीच वह अध्यात्मिक  जुड़ाव महसूस नहीं किया और आखिर में उन्होंने महल से दूर जाने का निर्णय ले लिया ।  उन्होंने सोचा वह महल से दूर जाकर श्री कृष्ण से आत्मीय संबंध स्थापित कर लेंगी। 

उन्हें नहीं पता था कि वह कहां जा रही हैं लेकिन श्रीकृष्ण को पता था । धीरे-धीरे वह समय के साथ बुड्ढी और कमजोर होती गई । राधा के आखिरी वक्त में श्रीकृष्ण उनके सामने आ गए और उनसे कुछ मांगने  को कहा लेकिन राधा ने मना कर दिया । कृष्ण के दोबारा अनुरोध करने पर राधा ने कहा कि वह आखिरी बार उन्हें बांसुरी बजाते देखना चाहती हैं ।

श्री कृष्ण ने बांसुरी ली और राधा के अंतिम समय तक बांसुरी बजाई । बांसुरी सुनते सुनते राधा ने अपने शरीर का त्याग किया । श्री कृष्ण यह जानते थे कि उनका प्रेम अमर है लेकिन तब भी वह राधा की मृत्यु को बर्दाश्त नहीं कर पाए। श्री कृष्ण ने प्रेम के प्रतीकात्मक अंत के रूप में बांसुरी को तोड़ दिया और झाड़ी में फेंक दी । उसके बाद श्री कृष्ण ने जीवन भर बांसुरी नहीं बजाई ।

Comments