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क्या है भानगढ़ के किले की असली सच्चाई ? General knowledge (Gk) in Hindi

क्या है भानगढ़ के किले की असली सच्चाई ? General knowledge (Gk) in Hindi

भानगढ़ का नाम सुनते ही दिल में दहशत की घंटियां बजने लगती है । डर से हम कापने लगते हैं । आप सभी ने भी भानगढ़ का नाम जरूर सुना होगा और मन में यह बात जरूर आई होगी कि यार भानगढ़ में ऐसा क्या है ?ऐसा क्या है जो लोग भानगढ़ के किले से इतना डरते हैं ?क्या सच में भानगढ़ का किला एक भूतिया किला है ? तो आज हम इन्हीं सवालों पर चर्चा करेंगे और जानेंगे की भानगढ़ की क्या सच्चाई है ?
भानगढ़ का किला राजस्थान के जयपुर से 80 किलोमीटर दूर अलवर जिले में स्थित है । यह किला 1573 शताब्दी में बनवाया गया था । इस किले का निर्माण आमेर के राजा भगवानदास ने करवाया था ।भानगढ़ राजा मानसिंह के भाई माधव सिंह की राजधानी रहा । मानसिंह अकबर का बहुत ही करीबी था । भानगढ़ के किले से 5 किलोमीटर दूर सौमसागर तालाब के किनारे एक पत्थर मिला जिससे यह पता चलता है कि माधव सिंह अकबर के दरबार में दीवान थे ।
भानगढ़ का किला देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ लग जाती है । यहां लोग दिनभर भानगढ़ का किला देखते हैं और शाम होते ही उस जगह को छोड़ देते हैं । ऐसा माना जाता है कि रात होते ही भानगढ़ के किले से पायल की आवाज एवं घुंघरू की गूंज सुनाई देने लगती है और सभी डर के कारण किले को छोड़ देते हैं ।
भानगढ़ की बर्बादी के संबंध में कई कहानियां मशहूर है ।उन कहानियों में से पहली कहानी यह है कि दुष्ट जादूगर सिंधु सेवड़ा के श्राप के कारण भानगढ़ का विनाश हो गया । ऐसा माना जाता है कि भानगढ़ की राजकुमारी बहुत सुंदर थी । उनकी सुंदरता के चर्चे पूरे राजस्थान में मशहूर थे । एक बार की बात है जब राजकुमारी भानगढ़ के बाजार में इत्र खरीदने गई थी तब सिंधु सेवड़ा जो उसी गांव का निवासी था उसने उन्हें देख लिया और उसकी सुंदरता पर मोहित हो गया । राजकुमारी की सुंदरता पर तांत्रिक भी फ़िदा हो गया था और राजकुमारी को हासिल करने के लिए उसने इत्र के बोतल पर जादू कर दिया जो राजकुमारी के लिए हमेशा जाती थी पर किसी कारणवश राजकुमारी का इत्र का बोतल जिस पर जादू किया गया था वह पत्थर पर लग कर टूट गया ।
और क्योंकि इत्र पर जादू किया गया था वह पत्थर भी जादूगर पर मोहित हो गया और जादूगर से प्रेम करने लगा और जादूगर की तरफ चल पड़ा जिसके कारण जादूगर सिंधु सेवड़ा की मौत हो गई । वह पत्थर के नीचे दबकर मर गया । लेकिन मरने से पहले उसने भानगढ़ की बर्बादी का श्राप दे दिया । कुछ वक्त के बाद युद्ध के कारण भानगढ़  बर्बाद हो गया । वहां पर रहने वाले सभी लोग मारे गए ।
एक और कहानी मशहूर है जो भानगढ़ की बर्बादी का कारण बना और वह कहानी इस प्रकार है ।
महल के निर्माण के वक्त एक साधु जो उसी गांव का निवासी था उसने महल की ऊंचाई कम रखने को कहा था ताकि परछाई उसके पास तक ना आए लेकिन बनाने वाले ने इस बात पर बिल्कुल भी गौर नहीं किया । और इस पर ध्यान ना देकर महल को अपने मर्जी से बनाया ।जिस कारण से साधू क्रोधित होकर भानगढ़ को श्राप दे दिया ।
एक और तीसरी कहानी जो 1720 में घटी थी जो शायद भानगढ़ की बर्बादी का कारण बना। इस कहानी के अनुसार 1720 ईस्वी में पानी की कमी के कारण भानगढ़ तबाह हो गया । 1783 में अकाल के कारण रिहाइश खत्म हो गई और भानगढ़ उजड़ गया ।
अब मुख्य सवाल यहां यह उठता है कि क्या सच में भानगढ़ का किला भूतिया है ? तो जवाब किसी के पास नहीं है ।  कुछ लोग इस पर यकीन करते हैं तो कुछ केवल इसे कल्पना मानते हैं । किले के किवदंती पर भरोसा करें तो महल श्रापित है और यहां आत्मा का वास है । 

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