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2. छिपकली अपनी पलकों को हिला सकती हैं। यदि हम सरीसृप परिवार के अन्य जीवों की बात करें तो सांप के पलके नहीं होती है। छिपकली के पास पलके ही नहीं होती है, बल्कि वे पलकों को बंद भी कर सकती है।
3. छिपकली की एक खास बात यह भी है कि यह कहीं भी रह सकती है। अंटार्कटिका के अलावा ऐसा कोई महाद्वीप नहीं है, जहां छिपकली के लिए कोई घर न हो। छिपकली रेगिस्तान, दलदली भूमि और जंगलों में रहती है। अधिकांश छिपकलियां जमीन पर, पेड़ों में, चट्टानों के आसपास रहती हैं।
4. छिपकली के लिए जरूरी नहीं है कि वह पानी वाली जगह के आसपास ही रहे। अधिकांश छिपकलियां शरीर के लिए आवश्यक पानी अपने भोजन से ही अवशोषित कर लेती है। कुछ छिपकलियां संपूर्ण जीवन बिना पानी के भी बिता देती है।
5. शरीर को गर्म करने के लिए इन्हें चाहिए सूरज की रोशनी। जी हां, छिपकली का खून ठंडा होता है। इसलिए मौसम में बदलाव के कारण इसके शरीर के तापमान में भी बदलाव आ जाता है। बिना सूरज की रोशनी के छिपकली ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह सकती है। यही कारण है कि अंटार्कटिका में छिपकली नहीं पाई जाती है।
6. छिपकली तरह-तरह का भोजन कर सकती हैं। छिपकली जहां कीट-पंतगों को खा सकती है, वहीं हरी-भरी पत्तियों से भी अपना पेट भर सकती है।
7. छिपकली कई तरह के आकार की होती है। छोटी छिपकली की लंबाई 1 इंच तक ही रह जाती है तो बड़ी छिपकली ११ फीट तक फैली होती है।
8. छिपकली की पूंछ ज्यादा मजबूत नहीं होती है। यदि छिपकली की पूंछ टूट जाए तो आसानी से फिर निकल आती है।
9. दुश्मन से स्वयं का बचाव भी छिपकली बखूबी कर लेती है। छिपकली तेजी से भागने के साथ ही अन्य प्रजातियों से लड़ते समय अपना भयावह रूप भी दिखाती है। कुछ छिपकलियां अपना रंग भी बदल सकती है।
10. दुनिया की सबसे खतरनाक छिपकली कोमोडा ड्रैगन है, जो इंडोनेशियाई द्वीप पर पाई जाती है। इस छिपकली की लंबाई 3 मीटर तक और वजन 70 किलोग्राम तक हो सकता है। छिपकली की यह प्रजाति मनुष्य को भी मार सकती है। कोमोडा ड्रैगन घात लगाकर शिकार करती है।
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