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जो व्यक्ति जन्म से दृष्टिहीन होते हैं या जिनकी दृष्टि 5 साल से कम उम्र में चली जाती है उन्हें अमूमन दृश्यात्मक सपने नहीं आते। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे सपने हमारे आंतरिक विचार, इच्छाओं और डर का ही प्रतिबिंब होते हैं। जिन्होंने कभी भी चित्र या रौशनी नहीं देखी वे सपने में भी चित्र नहीं देखते।
जिन लोगों की दृष्टि 7 साल के बाद जाती है उन लोगों के सपने ठीक उसी तरह रंगीन होते हैं जैसे दृष्टियुक्त लोगों के। जो लोग एक लंबी जिंदगी जीने के बाद अंधे हो जाते हैं उनके सपने भी लंबे समय तक रंगीन और चित्रतात्मक बने रहते हैं।
अंधे लोगों को ऐसे सपने आते हैं । General knowledge (Gk) in Hindi
जिन लोगों की दृष्टि 5 या 7 साल के बीच में खो जाती है उन्हें मिश्रित सपने आते हैं।
कभी-कभी वे रंगीन और चित्रात्मक सपने देखते हैं तो कभी अचित्रात्मक। दृष्टियुक्त लोगों के लिए यह कल्पना करना भी कठिन हो सकता है कि अचित्रात्मक सपने कैसे हो सकते हैं पर यह सच है ।
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